शाढौरा की बेटी जयंती रैकवार ने 10वी में 94.8%,बढ़ाया परिवार का मान

जयंती ने बताया की माँ-पिता जी कड़ी मेहनत करते हैं उन्हें देख कर उससे भी बेहतर करने का मन करता हैं,पिता बेटा-बेटी में फर्क नहीं समझते हैं उसने बताया की उसके पिता जी हमेसा उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करते हैं फिर पढ़ाई की बात हो या फिर उनके विकास की आज के परिवेश में जहा महिलाएँ पुरुषों से कंधे से कन्धा मिलकर चल रही है और सभी बैसे को कार्य कर रही है, जिसे सिर्फ पुरुष ही करते नज़र आते थे I जयंती ने बताया की जब मन में जज्बा हो कुछ करने का तो फिर आसपास का माहौल उतना मायने नहीं रखता इसमें मेरी मां का बहुत सहयोग रहा उन्होंने मुझे पढ़ने का काफी वक्त दिया व मां ये सुनिश्चित करती थी कि पढ़ते समय मुझे कोई डिस्टर्ब ना करें I

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मेहनत और लगन के बल पर लिखी आत्मनिर्भरता की इबारत

कहते है जो व्यक्ति अपनी मेहनत पर भरोसा करता है, उसकी मदद ईश्वर करता है l  आज हम बताने वाले है एक ऐसे ही मेहनती युवक की कहानी जिसने अपने मेहनत और संघर्ष के दम से ना केवल अपना बल्कि अपने गाँव का भी भाग्य बदल दिया l हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के…

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