आरोही खंडेलवाल : नन्हे सपनों की बड़ी उड़ान

छोटे से गाँव से निकलकर दुनिया को अपने साहित्यिक और
विंभिन्न विषयों पर तत्वचिन्तनीय योगदान से प्रेरित करना कोई सामान्य काम नहीं है, और जब इस काम को एक केवल आठ वर्षीय बच्ची करती है, तो यह बिल्कुल अद्भुत बात है। आरोही खंडेलवाल, जो कि एक छोटे से गाँव गुमला की निवासी है, ने अपनी प्रतिभा, समर्पण और उत्कृष्टता के साथ खेल कूद में एक नई यात्रा आरंभ की है, जिससे उन्होंने न केवल खुद को, बल्कि दूसरी लड़कियों को भी प्रेरित किया है।

आरोही की प्रमुख उपलब्धियों में
विश्व के महानतम रेकॉर्ड में आरोही ने मात्र आठ वर्ष की उम्र में स्पोर्ट्स और फिटनेस कैटेगरी में अपना नाम दर्ज करवाया उसने मात्र एक मिनट में हूला हूप स्पिन 206 बार अपनी कमर पर घुमाकर न सिर्फ अपने जिले का नाम रोशन किया बल्कि विश्विय स्तर पर अपनी पहचान बनाई

उनके योगदान का परिणाम स्थानीय स्तर से लेकर विश्व स्तर तक फैल गया है। इसके पहले आरोही ने साहित्य के छेत्र में ब्रावो बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से रहस्यमय विज्ञान की यंगेस्ट ऑथर का खिताब प्राप्त किया है

आरोही के सफलता के पीछे उनकी अटूट प्रतिबद्धता, समर्पण और मानसिकता है। उन्होंने छोटी उम्र से ही साहित्य ,कला, खेलकूद, आध्यात्म , और विभिन्न प्रकार के विषयों में रुचि दिखाई, और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में किसी भी संकोच का सामना नहीं किया। उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन और उनके प्रेरणास्त्रोत उन्हें एक आदर्श बनाते हैं, जो सभी युवा और खासकर लड़कियों को आत्मविश्वास और संकल्प से आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

आरोही खंडेलवाल ने अब तक दस से भी ज्यादा वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया है जिसमें इंडिया बुक, वर्ल्ड बुक ऑफ रेकॉर्ड लंदन, एशिया बुक , इंटरनेशनल बुक, स्टार वर्ल्ड रिकॉर्ड,इंफ्लूएसर बुक, वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड जैसे कई नाम शामिल है उसने न केवल अपने गाँव का नाम रोशन किया है, बल्कि वे एक महिला के रूप में भी आदर्श स्थापित करती हैं कि सही मार्गदर्शन और समर्पण के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी सफलता की कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि आयु कोई भी सीमा नहीं होती, जब हार नहीं मानी जाती और सपने देखने की क्षमता होती है, तो उन्हें पूरा करने का तरीका मिल ही जाता है।

आरोही जो कि नोट्रेडेम स्कूल कक्षा तीसरी की छात्रा है अपने स्कूली विषयों के प्रति भी विशेष रुचि रखती है उसने हिन्दी विषय मे न सिर्फ अपनी किताब दशावतार लिखी बल्कि हिन्दी ओलिंपियाड में गोल्ड मेडल प्राप्त किया ।
आरोही ने अपने नए रेकॉर्ड की प्रेरणा स्कूल से प्राप्त की उसने बताया कि स्कूल में हूला हूप का एक छोटा सा प्रदर्शन देख कर वह काफ़ी प्रभावित हुई और अपने घर मे नियमित रूप से उसे सीखने का प्रयास करने लगी और फिर हूला हूप स्पिन इन वन मिनट का रेकॉर्ड बनाया । उसकी कड़ी मेहनत और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए हर कोई आश्चर्य में है ।

आरोही खंडेलवाल की कहानी एक प्रेरणा स्रोत है, जो हमें यह बताती है कि साहस, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ हम किसी भी मुश्किलात का समाधान निकाल सकते हैं, और सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं। आरोही के साथी और उनके परिवार को उनकी योगदानी और सफलता में मिली खुशी की आशा करते हैं, और हम सभी उनके प्रेरणास्त्रोत बनने की कहानी से प्रेरित होते हैं।

इस प्रेरणादायक कहानी के माध्यम से, हम सभी को यह संदेश मिलता है कि समर्पण, मेहनत और प्रतिबद्धता के साथ हम किसी भी महत्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं, चाहे वो कितना भी बड़ा या छोटा क्यों ना हो। आरोही खंडेलवाल की उपलब्धियों ने साबित किया है कि सीमाओं के पार निकलने के लिए सिर्फ संकल्प और मेहनत की आवश्यकता होती है, और तब हम किसी भी कठिनाई को पार कर सकते है।

आरोही खंडेलवाल की उपलब्धियाँ और सफलता हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत होती है, जो हमें यह दिखाती है कि समर्पण, संघर्ष और प्रतिबद्धता के साथ हम किसी भी मुश्किलात का समाधान निकाल सकते हैं, और अपने सपनों को पूरा करने की क्षमता रखते हैं। उनकी कहानी से हम सीखते हैं कि अगर हमारे पास सही मार्गदर्शन और सही मानसिकता है, तो हम किसी भी लक्ष्य को पूरा करने में सफल हो सकते हैं, चाहे वो कितना भी बड़ा या कठिन क्यों न हो।

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