आरोही खण्डेलवाल: झारखंड की नन्ही सी परी जिसने रचा रिकॉर्ड, अब बनी विश्व की चर्चा का केंद्र

झारखंड के प्यारे छोटे शहर, गुमला, में निवास करने वाली एक नन्ही सी परी, आरोही खण्डेलवाल की कहानी हमें रोजगार करती है और हमारे हृदय को छू जाती है। इस आठ साल की बच्ची ने अपनी अद्भुत प्रतिभा के साथ न केवल अपने गाँव का नाम रौंगत में लाया है, बल्कि उसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना मक़ाम बनाया है।

आरोही ने अब तक दसों वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को अपने नाम से सजाया है, हाल ही में उनका हूला हूप स्पिन ने विश्व के महानतम रिकॉर्ड्स में एक नया मील का पत्थर रखा। एक मिनट में अपनी कमर पर 206 बार घूमकर, आरोही ने सभी को अपनी अद्वितीयता में मोहित कर दिया।

नोट्रेडेम स्कूल की तीसरी कक्षा में पढ़ाई करने वाली आरोही ने आठ साल की आयु में ही एक दशावतार किताब लिखी, जिसने उन्हें ब्रावो बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में यंगेस्ट ऑथर इन ओकल्ट साइंस का खिताब दिलाया। इससे पहले भी उन्होंने इंडिया बुक, एशिया बुक, वर्ल्ड बुक, इंफ्लूएसर वर्ल्ड बुक, स्टार इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, और इंटरनेशनल वर्ल्ड बुक जैसी कई श्रेणियों में अपना नाम रजिस्टर करवा लिया था।

आरोही ने सिद्ध किया है कि अगर किसी के मन में सच्ची लगन और मेहनत करने की इच्छा हो, तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। उनकी कहानी बताती है कि सपने हकीकत बना सकते हैं, चाहे वो कितने भी छोटे क्यों ना हों।

आरोही की उत्कृष्टता, समर्पण, और प्रतिबद्धता की तारीफें हम उन्हें एक प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी बढ़ती हुई करियर की ओर हम सभी उन्हें बड़े उत्साह के साथ शुभकामनाएं भेजते हैं, जब वह नए मील के संगीमें अग्रसर हो रही हैं।**

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