अनिरुद्ध मोतेकर पाटिल: जो खुद को रोक नहीं सकता

खंडवा, 13 सितंबर 2023: आधुनिक युग में सफलता पाने के लिए मेहनत और संघर्ष का महत्व बढ़ गया है, और खंडवा के एक युवक ने अपने नाम को “अनिरुद्ध” के साथ जोड़कर यह सच्चाई साबित की है। अनिरुद्ध मोतेकर पाटिल, जिन्होंने अपने अपने बिरले कार्यों और उत्साह से जाने जाते हैं, उनका कहना है कि उनके नाम का अर्थ होता है ‘जिसे कोई रोक नहीं सकता’।

34 वर्षीय अनिरुद्ध, वर्तमान में एम बी ए के विद्यार्थी हैं और साथ ही डिप्लोमा इन न्यूमरोलॉजी और ज्योतिष विद्या में पूर्णता प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा, “पढ़ाई और लिखाई की कोई उम्र नहीं होती।” वे कई जगहों पर मोटिवेशनल सेमिनार्स देते हैं, जहां वे बच्चों और माता-पिता के बीच समन्वय और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बताते हैं।

अनिरुद्ध ने अपने प्रोफेशनल सामर्थ्य का उपयोग करके विभिन्न संस्थाओं के लिए मोटिवेशनल इंफ्लूएसर और ट्रेनर के रूप में काम किया है, जिससे संस्था के कर्मचारी स्ट्रेस-फ्री वातावरण में कार्य कर सकें।

अपनी सफलता का श्रेय अनिरुद्ध अपने छोटे भाई अंकित मोटेकर पाटिल को देते हैं, जो पुणे के सीटियस टेक पुणे टेक्निकल लिड पर कार्यरत हैं। अनिरुद्ध के बड़े भाई, डॉक्टर दुर्गेश सोनारे, चर्म रोग विशेषज्ञ और सहायक प्राध्यापक शासकीय नंदकुमार सिंह चौहान मेडिकल कॉलेज, खंडवा में काम करते हैं।

अनिरुद्ध ने कहा, “केवल एक ही बात अहम है: सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। और दूसरा, किसी भी परिस्थिति में सुख-दुख में अपने आप को डगमगाने न देना महत्वपूर्ण है।”

अनिरुद्ध मोतेकर पाटिल का यह प्रेरणास्पद कहानी खंडवा और आसपास के युवाओं के लिए एक मिसाल प्रस्तुत करती है, जो मेहनत और संघर्ष से अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं।

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