कहते है जो व्यक्ति अपनी मेहनत पर भरोसा करता है, उसकी मदद ईश्वर करता है l
आज हम बताने वाले है एक ऐसे ही मेहनती युवक की कहानी जिसने अपने मेहनत और संघर्ष के दम से ना केवल अपना बल्कि अपने गाँव का भी भाग्य बदल दिया l हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले से 20 किमी दूर मढ़ीनामदार गाँव में रहने वाले बब्लू प्रजापति की l बब्लू प्रजापति के पिता श्री तुलाराम प्रजापति मिट्टी के बरतन बनाने का काम करते थे। इसी से पूरे परिवार का गुजारा चलता था l आर्थिक स्थिति बहुत खराब होने के कारण कोई काम धंधा नही कर सकते थे l मटके बेचकर पाँच बच्चो का खर्चा उठाना कितना मुश्किल होता है, यह हम सब जानते है l
बब्लू बताते है की — सन् 1996 की बात है दोपहर का समय था मेरे पिताजी मटके बना रहे थे, मै भी वही तभी एक आदमी गांव मे घूमता हुआ दिखाई दिया जब मैनें वहाँ जाकर देखा तो वह आदमी ऐसे लोगो की तलाश में था जो बिजली के उपकरण मोटर बाइडिंग का काम सीखना चाहता हो। मै ये सुनकर बहुत खुश हुआ और उस आदमी को मैं अपने पिताजी से मिलवाने ले कर आया lउन्हें अपनी दैलान मे बिठाया चाय,पानी पिलाया फिर उनसे जानकारी ली तो उन्होने बताया की मैं द्धारका प्रसाद पाठक (शासकीय कम्यूनिटी पोलिटेक्निक कॉलेज अशोकनगर ) से आया हूँ। हमारे कॉलेज मे ग्रामीण विकास रोजगार योजना के माध्यम से ग्रामीण के बेरोजगार लडको को मुफ्त मे 3 माह मोटर, पंखा, कूलर सुधारने की ट्रेनिंग देते है l फिर पाठक जी ने मेरे पिताजी से कहाँ अगर आप अपने लड़के को काम सिखाना चाहते हो तो नाम लिखवा सकते है l ये सुनकर मै बहुत खुश हुआ और तुरंत अपना नाम लिखवा दिया l पाठक जी ने बताया हमने शाढ़ौरा गाँव मे एक दुकान पर ट्रेनिंग सेंटर रखा है अपने लड़के को कल से ही भेजना शुरु कर दो l मैंने 3 माह पूरी लगन,इमानदारी से काम सीखा और ट्रेनिग पूरी करने के बाद मैंने सुपरवाईजर द्धारका प्रसाद जी से मदद मांगी की मै अपनी आर्थिक स्थिति सुधारना चाहता हूँ और अपनी ज़िन्दगी में आगे कुछ बढ़ा करना चाहता हूँ l तब पाठक जी ने प्रिंसिपल साहब से कहकर मुझे बिजली के उपकरण और मोटर सुधारने का ट्रेनिंग मास्टर नियुक्त करवा दिया और मुझे 2000रु मासिक वेतन पर यह कार्य सौंपा गया । मैंने यह प्रशिक्षण देने का कार्य अपने ही गाँव मढ़ीनामदार मे प्रारंभ कर दिया l यहाँ मै अपने अनुभव से लडको को काम सिखाता था साथ ही खुद भी अधिक से अधिक सीखने की कोशिश करता रहता था l सीखने की ललक में मै सुबह-शाम अपने गांव और आस-पास के गाँव के लोगो के घर पैदल जाता और खराब कूलर,पंखा,लेकर आता था और ठीक कर उन्हे उनके घर देकर आता था l
बैंक से लोन लेकर की व्यापार की शुरुआत
प्रशिक्षक प्रमाण पत्र से पंजाब नेशनल बैंक शाढ़ौरा से 20000/- रुपये का लोन लेकर मैंने अपना खुद का व्यवसाय प्रारंभ किया l मैंने ट्रांसफार्मर (डीपी) सुधारने का ठेकेदार का लाइसेन्स बनवा लिया और फिर मोटर बाईडिंग,ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग कार्य, किसानो के खेत मे ट्रांसफार्मर लगाना एवं विधुत विभाग का सभी प्रकार का कार्य करना शुरू कर दिया l आज मै अपनी मेहनत के बल पर इस मुकाम पर हूँ की हर माह 20 से 25 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करा रहा हूँ।
कहते है ना संघर्ष ही व्यक्ति की असली पहचान बनती है — बब्बू प्रजापति ने संघर्ष से जो मुकाम हासिल किया आज वो अपनी सफलता का उपयोग अपने गाँव के युवाओं को भी प्रशिक्षित कर आगे बढाने में करते है l उनके इस नेक नियति को देखते हुए ग्रामवासियों ने उनकी पत्नी श्रीमति सरोज प्रजापति को 5 फरवरी 2015 को गाँव का सरपंच चुना l जो आज वर्तमान मे प्रधान / सरपंच के रुप मे जनता की सेवा कर रही है। तथा बबलू प्रजापति हमेसा समाजसेवा,गरीबो की मदद करने के लिए हमेसा तत्पर रहते है इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा मंडल शाढ़ौरा के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया I बब्लू प्रजापति जी बताते है की अपने 25 साल के कार्यकाल में मैंने अपना हर अनुभव खुद प्रयोग करके सीखा है l और अपने इस अनुभव का उपयोग मै हमेशा अपने समाज के विकास के लिए करता रहूँगा l मेरी इच्छा है कि मेरी पंचायत की गरीब महिलाओं को घर में ही बैठकर रोजगार प्राप्त हो !