नई दिल्ली। खेल जगत में अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई ऊँचाइयाँ छूने वाली श्रेय मौर्य को हाल ही में ‘नेशनल वुमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार महिलाओं को खेल, शिक्षा, समाज सेवा और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रदान किया जाता है।
पाँच साल पहले शुरू किया खेल सफर
श्रेय मौर्य ने पाँच साल पहले खेल में कदम रखा। उनके इस सफर में सबसे बड़ा सहयोग उनके पिता का रहा, जिन्होंने उन्हें दौड़ने की प्रेरणा दी। पिता की सीख से श्रेय ने कड़ी मेहनत और धैर्य रखना सीखा, जिससे वे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हुईं।
श्रेय ने अपने स्कूल के विभिन्न खेलों में भाग लिया और उनकी पहली प्रतियोगिता इंटर-ब्रांच थी। इस प्रतियोगिता में जीत हासिल करने के बाद उनका आत्मविश्वास और अधिक बढ़ा और उन्होंने खेल में आगे बढ़ने का निर्णय लिया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें लगातार सफलता की ओर अग्रसर किया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर तक का सफर
अपनी लगन और कड़ी मेहनत के बल पर श्रेय मौर्य ने राष्ट्रीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेल में अपनी जगह बनाई। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उनके शानदार खेल के लिए उन्हें ‘गौरव सम्मान’ से भी नवाजा गया।
श्रेय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में भी खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कुछ ही महीनों में उन्होंने खेल जगत में लंबी दूरी तय कर ली। उनके प्रदर्शन की सराहना न केवल उनके परिवार और कोच ने की बल्कि पूरे समाज ने उनकी उपलब्धियों को सराहा।
परिवार और कोच का महत्वपूर्ण योगदान
श्रेय की सफलता में उनके कोच और दादा-दादी का भी अहम योगदान रहा। उन्होंने हमेशा श्रेय का मनोबल बढ़ाया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनके कोच ने उन्हें सही मार्गदर्शन दिया, जिससे उनकी खेल तकनीक में सुधार हुआ और वे बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम हुईं।
उनके दादा-दादी ने भी उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखने में मदद की और हर कदम पर उनका साथ दिया। उनके सहयोग और समर्थन से श्रेय को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिली।
भविष्य की योजनाएँ
श्रेय मौर्य का सपना है कि वे आने वाले वर्षों में और अधिक खेल प्रतियोगिताओं में भाग लें और अपने देश का नाम रोशन करें। उनका लक्ष्य है कि वे अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर भारत के लिए मेडल जीतें और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनें।
श्रेय की सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो खेल या किसी भी क्षेत्र में मेहनत और समर्पण के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि अगर मेहनत और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा जाए, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।